“रामेति रामभद्रेति रामचन्द्रेति वा स्मरन् ।
नरो न लिप्यते पापै: भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति ।।”
– श्रीरामरक्षास्तोत्रम्
अर्थ :
राम, रामभद्र तथा रामचंद्र आदि नामोंका स्मरण करनेवाला रामभक्त पापों से लिप्त नहीं होता, इतना ही नहीं, वह अवश्य ही भोग और मोक्ष दोनोंको प्राप्त करता है ।
श्रीरामनवमीच्या सर्वांना मंगलमय शुभेच्छा…!*🌼🕉️🙏🏻🚩